हिन्दी माध्यम में भी होगी MBBS की पढ़ाई,उत्तराखंड सरकार
हिन्दी माध्यम में भी होगी MBBS की पढ़ाई , उत्तराखंड सरकार
*हिन्दी माध्यम में भी होगी MBBS की पढ़ाई : डॉ. धन सिंह रावत…*
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया से मुलाकात की। इस दौरान डॉ. रावत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को ऊधमसिंह नगर जनपद में एम्स ऋषिकेश के सैटालाइट सेंटर के भूमि पूजन कार्यक्रम में आमंत्रित किया।
इसके अलावा उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को सूबे के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में शैक्षिक सत्र 2023-24 से हिन्दी माध्यम में एमबीबीएस पाठ्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ करने के लिये भी आमंत्रित किया। जिस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अपनी सहमति प्रदान कर दोनों कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने उत्तराखंड आने का आश्वासन दिया।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि उन्होंने नई दिल्ली में आज केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया से मुलाकात कर उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुविधाओं एवं भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की। डॉ. रावत ने बताया कि उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को ऊधमसिंह नगर जनपद में स्वीकृत एम्स ऋषिकेश के सेटेलाइट सेंटर के भूमि पूजन हेतु आमंत्रित किया।
उन्होंने बताया कि ऊधमसिंह नगर में एम्स ऋषिकेश का सेटेलाइट सेंटर स्थापित होने पर पूरे कुमाऊं मंडल को इसका लाभ मिलेगा और प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को और मजबूती मिलेगी। इसके अलावा मुलाकात के दौरान डॉ. रावत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को सूबे के मेडिकल कॉलेजों में शैक्षिक सत्र 2023-24 से एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी में कराये जाने की जानकारी दी।
उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को हिन्दी मीडियम में एमबीबीएस पाठ्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ करने के लिये भी आमंत्रित किया। जिस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दोनों कार्यक्रमों में शामिल होने पर अपनी सहमति जताई और शीघ्र उत्तराखंड आने का सकारात्मक आश्वासन दिया।
डॉ. रावत ने बताया कि मध्य प्रदेश की भांति उत्तराखंड में भी मेडिकल की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी माध्यम में होगी। इसके लिये चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली है। उन्होंने बताया कि मेडिकल पाठ्यक्रम हिन्दी में तैयार करने के लिये विभाग ने राजकीय मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक विशेष समिति गठित की।
इस समिति ने मध्य प्रदेश में लागू एमबीबीएस के हिन्दी पाठ्यक्रम का अध्ययन कर राज्य के मेडिकल कॉलेजों के लिये हिन्दी माध्यम में सिलेबस तैयार किया और इसे हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय को सौंपा। विश्वविद्यालय ने भी हिन्दी मीडियम पाठ्यक्रम लागू करने की सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी है।
शीघ्र ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के हाथों इसे प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में लागू कर दिया जायेगा। यह उन छात्रों के लिये बड़ी सौगात होगी जो हिन्दी मीडियम के स्कूलों से पढ़कर आये हैं।
DHAMI ON DISASTER : आपदा में राहत एवं बचाव कार्य तेजी से हो – धामी
*DHAMI ON DISASTER : आपदा में राहत एवं बचाव कार्य तेजी से हो – धामी*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अतिवृष्टि की जानकारी ली। हालांकि यहाँ पहुँच कर सीएम ने ग्राउंड रियलिटी देखी और सभी जिलाधिकारियों को अतिवृष्टि के दृष्टिगत जिला प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखने एवं आपदा के दृष्टिगत सभी सहयोगी संस्थाओं से निरंतर समन्वय बनाये रखने के निर्देश दिये क्योंकि किसी भी प्रकार की आपदा में राहत एवं बचाव कार्य तेजी से करना अहम है।
आपदा पर अलर्ट हैं धामी सरकार
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग, पौड़ी, नैनीताल, उधमसिंह नगर, से फोन पर वार्ता करते हुए अतिवृष्टि और जलभराव की स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों के लोगों के लिए पहले से सभी समुचित व्यवस्थाएं रखी जाएं।
मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिये
यद्यपि सीएम ने कहा कि जिलाधिकारियों से निरन्तर सम्पर्क बनाये रखें आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत जनपदों को जो भी आवश्यकताएं हैं, जल्द उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अतिवृष्टि के कारण सड़क, पेयजल, विद्युत एवं अन्य चीजें बाधित होने की स्थिति में ये सभी व्यवस्थाएं यथाशीघ्र शुरू की जाए। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा, विनय शंकर पाण्डेय, राज्य आपदा Pप्रबंधन प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिद्धिम अग्रवाल एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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*आगामी यात्रा नजर मार्गों को चुस्त-दुरुस्त करने और गंगा यमुना को स्वच्छ एवं निर्मल बनाए रखने के जिलाधिकारी ने दिए आवश्यक* *निर्देश*
जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने वर्षाकाल के बाद चारधाम यात्रियों का आवागमन बढ़ने की संभावना को देखते हुए अधिकारियों को यात्रा इंतजामों को फौरन चुस्त-दुरस्त करने के साथ ही गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाये रखने के बारे में संबंधित विभागों व संगठनों को तत्परता से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों की बैठक लेकर चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि वर्षाकाल समाप्त होने के बाद चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या फिर से बढने लगेगी। जिसके देखते हुए यात्रा व्यवस्था से जुड़े सभी विभाग अपनी तैयारियों को चाक-चौबंद रखें। जिलाधिकारी ने यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में विशेष स्वच्छता अभियान संचालित करने के साथ ही यात्रा मार्गों एवं पड़ावों पर शौचालयों का बेहतर रख-रखाव किए जाने की हिदायत देते हुए कहा कि जिला पंचायत एवं सुलभ इंटरनेशनल इस संबंध में लिखित में प्रमाणपत्र प्रस्तुत करेंगे। विद्युत एवं पेयजल की आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू रखने के साथ ही गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के निकटवर्ती बाजारों एवं पड़ावों में खाद्यान्न एवं अन्य जरूरी वस्तुओं का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखने के भी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने डाबरकोट में डाबरकोट में मार्ग अवरूद्ध होने की दशा में वैकल्पिक आवाजाही हेतु एनएच एवं लो.नि.वि. के अधिकारियों को तत्कालिक समाधान तलाशने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए शासन से भी अनुरोध किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों को खोले जाने के लिए स्थल पर मशीनों की नियमित तैनाती रखी जाय और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा एवं सूचना पटों की व्यवस्था भी की जाय।
बैठक में अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल सिंह के साथ ही उप जिलाधिकारी देवानंद शर्मा तथा मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लेकर यमुनोत्री धाम की व्यवस्थाओं के संबंध में विचार रखे।
एक अन्य बैठक में जिलाधिकारी ने जिला गंगा समिति के सदस्यों एवं सहयोगी विभागों के अधिकारियों से विचार-विमर्श कर उद्गम क्षेत्र से ही गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल बनाए रखने के उपायों पर विस्तार से चर्चा कर संबंधित विभागों केो इसके लिए कार्ययोजना तैयार करने और अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा की। बैठक में सहायक नदियों के कारण भागीरथी नदी में प्रदूषण होने की संभावनाओं के संबंध में भी वन विभाग की रिपोर्ट पर विचार-विमर्श कर भागीरथी में किसी भी प्रकार के अपशिष्ट डाले जाने पर रोकथाम लगाने हेतु नगर पालिका एवं अन्य संबंधित विभागों से सख्त कार्रवाई किए जाने की अपेक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि भागीरथी नदी बेसिन में जिले में 66 सहायक नदियां एवं गाड-गदेरे प्रवाहित होते हैं जिनमें से आबादी वाले क्षेत्रों से होकर कुल 09 गाड-गदेरे ही प्रवाहित होते हैं। लिहाजा जिले की सहायक नदियों से भागीरथी में प्रदूषण बढ़ने की संभावना अत्यधिक न्यून है, फिर भी इन नदियों में कूडा-कचरा प्रवाहित न होने देने के लिए निरंतर निगरानी रखा जाना जरूरी है। जिलाधिकारी ने इस बावत संबंधित विभागों से कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करने और गांवों के प्लास्टिक कूड़ा के समुचित निस्तारण के इंतजाम किए जाने पर भी जोर दिया।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी डीपी बलूनी, जिला शिक्षा अधिकारी पद्मेन्द्र सकलानी, मुख्य कृषि अधिकारी जे.पी तिवारी, स्वजल के पर्यावरण विशेषज्ञ प्रताप मटूड़ा, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका शिवकुमार सिंह चौहान, गंगा विचार मंच के प्रदेश संयोजन लोकेन्द्र बिष्ट सहित विभिनन विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
*आगामी यात्रा नजर मार्गों को चुस्त-दुरुस्त करने और गंगा यमुना को स्वच्छ एवं निर्मल बनाए रखने के जिलाधिकारी ने दिए आवश्यक* *निर्देश*
जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने वर्षाकाल के बाद चारधाम यात्रियों का आवागमन बढ़ने की संभावना को देखते हुए अधिकारियों को यात्रा इंतजामों को फौरन चुस्त-दुरस्त करने के साथ ही गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाये रखने के बारे में संबंधित विभागों व संगठनों को तत्परता से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों की बैठक लेकर चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि वर्षाकाल समाप्त होने के बाद चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या फिर से बढने लगेगी। जिसके देखते हुए यात्रा व्यवस्था से जुड़े सभी विभाग अपनी तैयारियों को चाक-चौबंद रखें। जिलाधिकारी ने यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में विशेष स्वच्छता अभियान संचालित करने के साथ ही यात्रा मार्गों एवं पड़ावों पर शौचालयों का बेहतर रख-रखाव किए जाने की हिदायत देते हुए कहा कि जिला पंचायत एवं सुलभ इंटरनेशनल इस संबंध में लिखित में प्रमाणपत्र प्रस्तुत करेंगे। विद्युत एवं पेयजल की आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू रखने के साथ ही गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के निकटवर्ती बाजारों एवं पड़ावों में खाद्यान्न एवं अन्य जरूरी वस्तुओं का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखने के भी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने डाबरकोट में डाबरकोट में मार्ग अवरूद्ध होने की दशा में वैकल्पिक आवाजाही हेतु एनएच एवं लो.नि.वि. के अधिकारियों को तत्कालिक समाधान तलाशने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए शासन से भी अनुरोध किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों को खोले जाने के लिए स्थल पर मशीनों की नियमित तैनाती रखी जाय और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा एवं सूचना पटों की व्यवस्था भी की जाय।
बैठक में अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल सिंह के साथ ही उप जिलाधिकारी देवानंद शर्मा तथा मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लेकर यमुनोत्री धाम की व्यवस्थाओं के संबंध में विचार रखे।
एक अन्य बैठक में जिलाधिकारी ने जिला गंगा समिति के सदस्यों एवं सहयोगी विभागों के अधिकारियों से विचार-विमर्श कर उद्गम क्षेत्र से ही गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल बनाए रखने के उपायों पर विस्तार से चर्चा कर संबंधित विभागों केो इसके लिए कार्ययोजना तैयार करने और अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा की। बैठक में सहायक नदियों के कारण भागीरथी नदी में प्रदूषण होने की संभावनाओं के संबंध में भी वन विभाग की रिपोर्ट पर विचार-विमर्श कर भागीरथी में किसी भी प्रकार के अपशिष्ट डाले जाने पर रोकथाम लगाने हेतु नगर पालिका एवं अन्य संबंधित विभागों से सख्त कार्रवाई किए जाने की अपेक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि भागीरथी नदी बेसिन में जिले में 66 सहायक नदियां एवं गाड-गदेरे प्रवाहित होते हैं जिनमें से आबादी वाले क्षेत्रों से होकर कुल 09 गाड-गदेरे ही प्रवाहित होते हैं। लिहाजा जिले की सहायक नदियों से भागीरथी में प्रदूषण बढ़ने की संभावना अत्यधिक न्यून है, फिर भी इन नदियों में कूडा-कचरा प्रवाहित न होने देने के लिए निरंतर निगरानी रखा जाना जरूरी है। जिलाधिकारी ने इस बावत संबंधित विभागों से कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करने और गांवों के प्लास्टिक कूड़ा के समुचित निस्तारण के इंतजाम किए जाने पर भी जोर दिया।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी डीपी बलूनी, जिला शिक्षा अधिकारी पद्मेन्द्र सकलानी, मुख्य कृषि अधिकारी जे.पी तिवारी, स्वजल के पर्यावरण विशेषज्ञ प्रताप मटूड़ा, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका शिवकुमार सिंह चौहान, गंगा विचार मंच के प्रदेश संयोजन लोकेन्द्र बिष्ट सहित विभिनन विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
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