*माँ गंगा के शीतकालीन निवास स्थल मुखवा पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,CM पुष्कर सिंह धामी भी साथ देखिए विस्तृत रिपोर्ट GANGA 24 EXPRESS पर सहयोगी टीम के साथ= 812616516* - Ganga 24 Express

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Thursday, March 6, 2025

*माँ गंगा के शीतकालीन निवास स्थल मुखवा पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,CM पुष्कर सिंह धामी भी साथ देखिए विस्तृत रिपोर्ट GANGA 24 EXPRESS पर सहयोगी टीम के साथ= 812616516*

माँ गंगा के शीतकालीन निवास स्थल मुखवा पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,CM पुष्कर सिंह धामी भी साथ देखिए विस्तृत रिपोर्ट GANGA 24 EXPRESS पर सहयोगी टीम के साथ= 812616516*



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का माँ गंगा के मायके मुखवा एवं सीमांत क्षेत्र हर्षिल घाटी आगमन पर सभी प्रदेशवासियों की ओर से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि उत्तराखंड के चहुँमुखी विकास के साथ ही यहाँ की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में हमें सदैव प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन एवं सहयोग प्राप्त होता रहा है। उत्तराखंड में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सफल आयोजन, विश्व स्तरीय जी-20 सम्मेलन की बैठकों का आयोजन, यूसीसी जैसा कानून लागू करना हो या फिर हाल ही में उत्तराखंड में आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य आयोजन हो, प्रधानमंत्री का राज्य को हमेशा  मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर जब भी कोई विपदा आयी है, चाहे केदारनाथ यात्रा मार्ग पर आई प्राकृतिक आपदा, जोशीमठ में भूधंसाव, सिलक्यारा टनल हो या फिर अभी हाल ही में चमोली में माणा गाँव के पास हुई हिमस्खलन की घटना हो। प्रधानमंत्री जी हमारे साथ सदैव खड़े रहे है।

मुख्यमंत्री ने 04 हजार 81 करोड़ रूपए की लागत से गौरीकुंड से केदारनाथ और 27 सौ 30 करोड़ रूपए से अधिक की लागत से गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक रोपवे निर्माण की सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों रोपवे परियोजनाओं के पूर्ण होने के बाद तीर्थयात्रियों को आवगमन के लिए सुगमता होगी और प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी का एक प्रमुख आधार है। होटल व्यवसायियों से लेकर टैक्सी चालकों, स्थानीय दुकानदारों के साथ ही यात्रा से जुड़े हुए लाखों लोगों को रोज़गार के अवसर प्राप्त होते हैं। शीतकाल में उत्तराखण्ड के चारों धामों के कपाट बंद होने के बाद इन सभी लोगों की आर्थिकी प्रभावित होती थी। जिसके दृष्टिगत प्रधानमंत्री जी से मार्गदर्शन प्राप्त कर इस वर्ष से राज्य में शीतकालीन यात्रा की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आगमन से न केवल शीतकालीन यात्रा को वृहद् स्तर पर बढ़ावा मिलेगा बल्कि सीमांत क्षेत्र में ट्रेकिंग और माउंटेन बाइकिंग के साथ-साथ दूसरी एडवेंचरस एक्टिविटीज को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही राज्य में दो बड़े धार्मिक आयोजन प्रस्तावित है। जिनमें नंदा राजजात यात्रा और कुंभ शामिल है। हमें विश्वास है कि पीएम के नेतृत्व में इन दोनों आयोजन का सफलतापूर्वक निर्वहन करेंगे।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री श्री अजय टम्टा , कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद श्री महेंद्र भट्ट, सांसद श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक श्री सुरेश चौहान मौजूद थे।
*प्रधानमंत्री ने मुखवा से दिया शीतकालीन यात्रा का जोरदार संदेश*


*प्रधानमंत्री ने की ‘घाम तापो’ के तौर पर की उत्तराखंड विंटर टूरिज्म की ब्रांडिंग*

*कॉरपोरेट जगत, फिल्म इंडस्ट्री, योग साधक, युवा लें विंटर टूरिज्म का अनुभव*

*उत्तराखंड के लिए बारामासी पर्यटन गतिविधियां बेहद जरूरी, हर सीजन में पयर्टन रहे ऑन*

एक दिवसीय शीतकालीन यात्रा पर उत्तरकाशी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुखवा और हर्षिल से उत्तराखंड में शीतकालीन तीर्थाटन और पयर्टन की जोरदार ब्रांडिंग की है। प्रधानमंत्री ने तीर्थयात्रियों, पर्यटकों से लेकर कॉरपोरेट और फिल्म उद्योग तक को विंटर सीजन में उत्तराखंड आने का निमंत्रण दिया।
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के विंटर टूरिज्म की ब्रांडिंग ‘घाम तापो टूरिज्म’ के तौर पर की है।

गुरुवार को हर्षिल में जनसभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले बीते दिनों माणा में हुए हिमस्खलन में दिवंगत लोगों के प्रति दुख: व्यक्त किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की यह भूमि, आध्यात्मिक ऊर्जा से औत प्रोत है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड से अपना आत्मीय लगाव, व्यक्त करते हुए कहा कि वो जीवनदायनी मां गंगा के शीतकालीन गद़्दी स्थल पर अपने परिवारजनों के बीच पहुंचकर धन्य महसूस कर रहे हैं। प्रधानमंत्री बोले कि मां गंगा की कृपा से ही उन्हें दशकों तक उत्तराखंड की सेवा का सौभाग्य मिला। मां गंगा के आशीर्वाद से ही वो काशी पहुंच सांसद के रूप में काशी की सेवा कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने कहा था कि मां गंगा ने ही उन्हें काशी बुलाया है। प्रधानमंत्री ने दार्शनिक अंदाज में कहा कि उन्हें कुछ महीने पहले अनुभूति हुई कि जैसे मां गंगा ने उन्हें गोद ले लिया है, अब अपने बच्चे के प्रति मां गंगा का दुलार ही है कि वो आज खुद मुखवा गांव पहुंच पाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो हर्षिल की धरती पर आकर, अपनी दीदी भुलियों को भी याद कर रहे हैं, क्योंकि वो उन्हें हर्षिल की राजमा और अन्य लोकल प्रॉडक्ट भी भेजती रहती हैं।

*बन रहा उत्तराखंड का दशक*
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ साल पहले जब वो बाबा केदार के दर्शन के लिए आए थे तो बाबा के दर्शन के बाद उनके मुंह से अचानक ही भाव प्रकट हुआ कि ये दशक उत्तराखंड का होने जा रहा है। ये भाव भले ही उनके थे, लेकिन इसके पीछे सामर्थ देने की शक्ति बाबा केदार की थी। अब बाबा के आशीर्वाद से ये शब्द धीरे- धीरे सच्चाई में बदल रहे हैं। ये दशक अब उत्तराखंड का बन रहा है। उत्तराखंड की प्रगति के लिए, नए - नए रास्ते खुल रहे हैं, जिन आकांक्षाओं को लेकर उत्तराखंड का जन्म हुआ था, उत्तराखंड नित नए लक्ष्य और संकल्प लेते हुए, उन्हें पूरा कर रहा है।

*शीतकालीन यात्रा पर सीएम की पहल को सराहा*
प्रधानमंत्री ने शीतकालीन तीर्थाटन - पर्यटन पर जोर देते हुए कहा कि इसके माध्यम से उत्तराखंड की आर्थिक सामर्थ को साकार करने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने इस अभिनव पहल के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखंड के लिए अपने टूरिज्म सेक्टर को बहूआयामी या बारामासी बनाना बहुत जरूरी है। उत्तराखंड में 365 दिन का पर्यटन जरूरी है। वो चाहते हैं कि उत्तराखंड में कोई भी पर्यटन सीजन ऑफ नहीं रहे, बल्कि हर सीजन में टूरिज्म ऑन रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी पहाड़ों पर मार्च से जून के बीच ही ज्यादातर पर्यटन आते हैं, जबकि इसके बाद पर्यटकों की संख्या बहुत कम हो जाती है। अभी सर्दियों के सीजन में होटल, रिजॉर्ट, होम स्टे खाली पड़े रहते हैं। ये असंतुलन साल के बड़े हिस्से में उत्तराखंड की आर्थिकी को सुस्त कर देता हैं। जबकि सच्चाई यह कि अगर देश- विदेश के लोग, सर्दियों में यहां आए तो उन्हें सच्चे अर्थ में देवभूमि की आभा के दर्शन होंगे। विंटर टूरिज्म में यहां लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी एक्टिविटी का रोमांच मिलेगा।

*सर्दियों का सीजन धार्मिक यात्रा के लिए भी अहम*
प्रधानमंत्री ने कहा कि धार्मिक यात्रा के लिए भी उत्तराखंड में सर्दियों का समय बेहद खास होता है। यहां इस समय कई तीर्थ स्थलों पर विशेष अनुष्ठान होते हैं। यहां मुखवा गांव में ही जो अनुष्ठान किया जाता है, वो हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा है, इसलिए उत्तराखंड सरकार का बारामासी पर्यटन का विजन, लोगों को दिव्य अनुभूति से जोड़ेगा। इससे यहां साल भर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

*डबल इंजन की सरकार मिलकर काम कर रही*
प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए मिलकर काम कर रही है। राज्य में चारधाम, ऑल वेदर रोड आधुनिक एक्सप्रेस वे से लेकर रेलवे और हेली सेवाओं का विस्तार हो रहा है।
एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने केदारनाथ और हेमकुंडसाहिब के लिए रोपवे को मंजूरी प्रदान की है। केदारनाथ रोपवे के जरिए आठ से नौ घंटे की पैदल यात्रा 30 मिनट में पूरी हो जाएगी। इससे बुजुर्ग, महिलाओं ओर बच्चों की यात्रा सुगम हो सकेगी।

*सीमांत गांवों के विकास पर जोर*
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, 2014 से पहले चार धाम यात्रा पर प्रतिवर्ष 18 लाख यात्री ही आते थे, अब हर साल 50 लाख से अधिक यात्री चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल के बजट में 50 टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं। इसके जरिए सरकार का प्रयास है कि उत्तराखंड के बॉर्डर वाले इलाकों में पर्यटक पहुंचे। उन्होंने कहा कि पहले सीमावर्ती गांवों को आखरी गांव कहा जाता, लेकिन अब उन्हें पहला गांव कहा जा रहा है। इसी क्रम में सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज योजना शुरू की गई है, इसके जरिए नेलांग और जादुंग गांव फिर से बसाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के टिम्मबरसैंण, महादेवसैंण, माणा और जादुंग गांव में पर्यटकों के लिए आधारभूत सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं। जादुंग को 1962 में चीन युद्ध के समय खाली करा दिया गया था, अब 70 साल बाद सरकार इस गांव को फिर से बसा रही है।

*गढ़वाली में ‘घाम तापो पयर्टन’*
प्रधानमंत्री ने देशभर के लोगों खासकर युवाओं से सर्दियों में उत्तराखंड आने का आह्वाहन करते हुए कहा कि सर्दियों में जब देश के बड़े हिस्से में कोहरा होता है, तो पहाड़ों में आप धूप का आनंद ले सकते हैं। गढ़वाली में इसे ‘घाम तापो पयर्टन’ कहते हैं। प्रधानमंत्री ने देश के कॉरपोरेट से उत्तराखंड में विंटर टूरिज्म  से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि कॉरपोरेट की मीटिंग, कांफ्रेंस, सेमिनार, एक्जीबिशन के लिए देवभूमि से अच्छी जगह नहीं हो सकती है। यहां आकर योग और आवुर्वेद के जरिए आप खुद को रिचार्ज कर सकते हैं। इसी तरह कॉलेज, यूनिवर्सिटी, स्कूलों के नौजवान विंटर ट्रिप के लिए उत्तराखंड आ सकते हैं।

*शूटिंग और वैडिंग डेस्टिनेशन*
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां हजारों करोड़ रुपए की वैडिंग इकॉनामी है। इसलिए उन्होंने देशवासियों से वेड इन इंडिया के तहत देश में ही शादियां करने की अपील की थी। सर्दियों के सीजन में वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए देशवासी उत्तराखंड को प्राथमिकता दे सकते हैं। इसी तरह भारत की फिल्म इंडस्ट्री उत्तराखंड का रुख कर सकती है, उत्तराखंड को मोस्ट फिल्म फ्रैंडली स्टेट का पुरस्कार मिल चुका है। यहां फिल्म शूटिंग के लिए शानदार सुविधाएं विकसित हो रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के कई देश विंटर टूरिज्म के लिए जाने जाते हैं, उत्तराखंड उनसे बहुत कुछ सीख सकता है। इसके लिए उत्तराखंड टूरिज्म के सभी स्टेक होल्डर मिलकर अध्ययन करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कई जगह हॉट स्प्रिंग हैं, इन्हें वेलनेस स्पा के रूप में विकसित किया जा सकता है। धार्मिक आध्यात्मिक और योग जगत के दिग्गज सर्दियों में अपने यहां विशेष योगा कैम्प लगा सकते हैं।

*कंटेंट क्रिएटर निभाएं भूमिका*
प्रधानमंत्री ने हर्षिल में विंटर टूरिज्म पर लगाई गई,  प्रदर्शनी का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका मन कर रहा था के वो पचास साल पुराने दिनों में लौटकर इन सभी जगहों पर कुछ दिन बिता सकूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें उत्तराखंड के विंटर टूरिज्म की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए कंटेंट क्रिएटर की मदद लेनी चाहिए, इसके लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की जा सकती है। प्रधानमंत्री ने गंगा मैया की जय नारे के साथ अपने संबोधन का समापन किया।











जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की शीतकालीन पर्यटन यात्रा के हर्षिल मुखवा कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने पर कार्यक्रम के दौरान तैनात समस्त अधिकारियों , कर्मचारियों ,सुरक्षाकर्मियों, मीडियाकर्मियों सहित सभी जनपदवासियों, राज्य की जनता ,जनप्रतिनिधियों, तथा राज्य के सहयोगी संगठनों और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोगियों को कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने पर धन्यवाद ज्ञापित किया है।


*प्रधानमंत्री ने शीतकालीन पर्यटन के साथ शीतकालीन साहसिक खेलों को दिया बढ़ावा।*

*प्रधानमंत्री के प्रयास से उत्तराखंड में बाइक रैली और ट्रैकिंग को मिलेगा बढ़ावा।*

*लद्दाख तर्ज पर उत्तराखंड के हर्षिल क्षेत्र को देश का बड़ा मोटर बाईक डेस्टिनेशन बनाया जाना है।*

राज्य में शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने एवं गंगोत्री धाम के शीतकालीन गद़्दी स्थल उत्तरकाशी के मुखवा गांव में मां गंगा के दर्शन करने आए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को हर्षिल, उत्तरकाशी में शीतकालीन पर्यटन कार्यक्रम के तहत 2 मोटर बाइक रैली एवं 2 ट्रैक रूट दलों को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने धार्मिक पर्यटन के साथ शीतकाल के समय उत्तराखंड में होने वाले साहसिक खेलों को भी बढ़ावा दिया।  जिसके तहत उन्होंने नेलांग, जादुंग, सोनम एवं पीडीए घाटी के अद्भुत और अनछुए पर्यटन गंतव्यों के लिए साहसिक पर्यटन अभियानों का फ्लैग ऑफ किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हर्षिल से पी.डी.ए मोटर बाईक-ATV-RTV रैली के 21 सदस्यों ( भारतीय सेना) के दल एवं हर्षिल-जादुंग मोटर बाईक रैली के 18 सदस्यों ( उत्तराखंड पर्यटन) के दल को फ्लैग ऑफ किया। साथ ही उन्होंने नीलापानी-मुलिंग ला पास ट्रैक के 15 सदस्यों (आई.टी.बी.पी) के दल एवं जादुंग-जनकताल ट्रैक पर जा रहे 22 सदस्यों ( एन.आई.एम ) के दल का भी फ्लैग ऑफ किया।

मोटर बाईक-ATV-RTV रैली (हर्षिल - पी.डी.ए), मोटर बाईक रैली (हर्षिल-जादुंग) मोटर बाईक रैली नेलांग, जादुंग, सोनम एवं पी.डी.ए वैली में आयोजित की जा रही है। इन घाटियों की भौगोलिक स्थिति लद्दाख की भांति है। जिसका उद्देश्य लद्दाख वैली की तर्ज पर उत्तराखंड के हर्षिल क्षेत्र को देश का बड़ा मोटर बाईक डेस्टिनेशन बनाया जाना है।

नीलापानी-मुलिंग ला पास ट्रैक एवं जादुंग-जनकताल ट्रैक रूट गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में स्थित है तथा भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना बाईब्रेन्ट विलेज प्रोग्राम के अन्तर्गत सम्मिलित है। जो ईनर लाईन क्षेत्र में पड़ते है, जहाँ पर आवागमन हेतु ईनर लाईन परमिट की आवश्यकता होती है। उक्त क्षेत्र को पुनः बसायत किये जाने हेतु पर्यटन विभाग द्वारा जादंग में होमस्टे बनाये जा रहे हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय निवासियों के रोजगार एवं आजीविका के विकास का सृजन किया जाना है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड में कोई "ऑफ-सीजन" नहीं होना चाहिए और पर्यटन को हर मौसम में फलना-फूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, पहाड़ों में पर्यटन मौसमी है, जिसमें मार्च, अप्रैल, मई और जून के दौरान पर्यटकों की अच्छी-खासी आमद होती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसके बाद पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आती है, जिससे सर्दियों के दौरान अधिकांश होटल, रिसॉर्ट और होमस्टे खाली हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस असंतुलन के कारण उत्तराखंड में साल के एक बड़े हिस्से में आर्थिक ठहराव बना रहता है और पर्यावरण के लिए भी चुनौतियां पैदा होती हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा सर्दियों के दौरान उत्तराखंड की यात्रा करने से देवभूमि की दिव्य आभा की सच्ची झलक मिलती है। उन्होंने कहा विंटर टूरिज्म में यहां, लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी एक्टिविटीज का रोमांच, सचमुच में रोमांचित कर देगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में धार्मिक यात्राओं के लिए सर्दियां विशेष महत्व रखती हैं, क्योंकि इस दौरान कई पवित्र स्थलों पर अनोखे अनुष्ठान किए जाते हैं। उन्होंने मुखवा गांव में होने वाले धार्मिक समारोहों को क्षेत्र की प्राचीन और महत्‍वपूर्ण परंपराओं का अभिन्न अंग बताया।





















*Press Release*
*Date: 06 मार्च 2025*

*मोदी के प्रयासों से प्रदेश में बारहमासी पर्यटन का श्रीगणेश: महाराज*

*प्रधानमंत्री के संदेश के बाद अब उत्तराखंड टूरिज्म को लगेंगे पंख*

*भूमि संबंधी विसंगतियों को दूर करने के लिए "भूमि बंदोबस्त" के भी दिये निर्देश*

उत्तरकाशी। पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश में बारहमासी पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तरकाशी जनपद स्थित गंगोत्री धाम के शीतकालीन पूजा स्थल हर्षिल-मुखबा में शीतकालीन यात्रा का श्रीगणेश करने पर उत्तराखंड की जनता की ओर से हार्दिक धन्यवाद और आभार व्यक्त किया।

पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश में बारहमासी पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तरकाशी जनपद स्थित गंगोत्री धाम के शीतकालीन पूजा स्थल हर्षिल-मुखबा में शीतकालीन यात्रा का श्रीगणेश करने पर उत्तराखंड की जनता की ओर से उनका हार्दिक धन्यवाद और आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर प्रधानमंत्री के हर्षिल-मुखबा में आने के पश्चात अब निश्चित रूप से शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ उत्तराखंड में बारहमासी पर्यटन को भी पंख लगेंगे। इससे जहां स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा वहीं  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखबा में दिये संदेश के बाद दुनिया के पर्यटक बड़ी संख्या में उत्तराखंड का रुख करेंगे वर्ष भर पर्यटन के विस्तार को नया आयाम मिलेगा।

श्री महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तराखंड को रोपवे की बड़ी सौगात देने पर उनका आभार व्यक्त करते हुए इसे एक  महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इससे केदारनाथ एवं हेमकुंड यात्रा पर आने वाले बुजुर्गों और महिलाओं की बड़ी राहत मिलेगी।

प्रधानमंत्री के हर्षिल-मुखबा कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और उनकी धर्मपत्नी पूर्व पर्यटन मंत्री श्रीमती अमृता रावत ने मुखबा में गंगा माता की पूजा अर्चना करने के बाद बताया कि हमारी सरकार शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा दे रही है। श्री महाराज ने कहा कि हमने इस क्षेत्र के तीर्थ पुरोहितों की समस्यायों के निराकरण हेतु  भूमि संबंधी विसंगतियों को दूर करने के लिए भूमि बंदोबस्त के भी निर्देश दिए हैं। निश्चित रूप से इस क्षेत्र के लिए भूमि बंदोबस्त एक वरदान साबित होगा।

उन्होंने कहा कि कहा कि "बाईब्रेंट विलेज योजना" के अंतर्गत उत्तरकाशी के जांदुग गांव का डेस्टिनेशन मास्टर प्लान तैयार किया गया है, जिसमें गांव के जीर्ण-क्षीर्ण भवनों को पुननिर्मित करते हुए होम स्टे के रूप में विकसित किए जाने का अभिनव प्रयास किया गया। भारत सरकार की प्रसाद योजना के अंतर्गत यमुनौत्री तथा गंगोत्री धाम में रू0 993.00 लाख (नौ करोड़ तिरानवे लाख) के विभिन्न कार्य सम्पादित कराए गए। गंगोत्री-यमुनोत्री का मास्टर प्लान में तेजी से कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि यमुनोत्री में यात्रियों की सुविधाओं के लिए हैलीपैड का निर्माण कराया जा रहा है। इसके अलावा जानकीचट्टी से यमुनोत्री मंदिर तक रोपवे का निर्माण पीपीपी मोड में किया जाना भी प्रस्तावित है।
*Prime Minister Delivers a Powerful Message for Winter Tourism from Mukhwa*

*Branding Uttarakhand’s Winter Tourism as ‘Gham Tapo’ (sun basking)*

*Corporate Sector, Film Industry, Yoga Practitioners, and Youth Encouraged to Experience Winter Tourism*

*Year-Round Tourism Essential for Uttarakhand – Every Season Should be a Tourism Season*

On a day-long  visit to Uttarkashi in Uttarakhand, Prime Minister Narendra Modi strongly promoted winter pilgrimage and tourism in Uttarakhand from Mukhwa and Harsil. He extended an open invitation to pilgrims, tourists, corporate professionals, and the film industry to visit Uttarakhand during the winter season. The Prime Minister branded Uttarakhand’s winter tourism as ‘Gham Tapo Tourism’ (Basking in the Sun Tourism).

Addressing a public gathering in Harsil on Thursday, the Prime Minister first expressed his condolences for the recent avalanche victims in Mana. He then spoke about the deep spiritual aura of Uttarakhand and shared his emotional connection with the land. The Prime Minister said he felt blessed to be at Mukhwa, the winter abode of Mother Ganga, amidst his own people. He recalled that it was only by the grace of Mother Ganga that he had the opportunity to serve Uttarakhand for decades, and it was her blessing that led him to Kashi as a Member of Parliament. He revealed a profound realization he had a few months ago—that Mother Ganga had embraced him like her own child, and today, it was her affection that had brought him to Mukhwa.

The Prime Minister also fondly remembered his ‘Didi-Bhuli’ (sisters) of Harsil, who often sent him the region’s famous Rajma beans and other local products.

*Uttarakhand’s Decade is Taking Shape*

The Prime Minister reminisced about his visit to Kedarnath a few years ago when, after seeking the deity’s blessings, an inner voice had proclaimed that this decade would belong to Uttarakhand. That moment, he said, was not just a personal emotion but a divine inspiration from Baba Kedar. And today, those words are turning into reality. Uttarakhand is progressing on new paths, fulfilling the aspirations that led to the state’s formation.

*Appreciation for the Chief Minister’s Winter Tourism Initiative*

Emphasizing the significance of winter pilgrimage and tourism, the Prime Minister lauded Chief Minister Pushkar Singh Dhami’s initiative in this direction. He stressed the need to make Uttarakhand’s tourism sector multi-dimensional and year-round, ensuring that tourism remains ‘on’ in every season. Currently, most tourists visit Uttarakhand between March and June, leaving hotels, resorts, and homestays deserted in winter. This imbalance weakens the state’s economy for a large part of the year.

However, the reality is that if people from across India and the world visit Uttarakhand in winter, they will witness the divine aura of Devbhoomi in its truest sense. They will also find adventure activities such as trekking and skiing exhilarating.

*Winter is Spiritually Significant Too*

The Prime Minister noted that the winter season holds special religious significance in Uttarakhand. Many sacred rituals take place at various pilgrimage sites during this time. The grand rituals performed in Mukhwa village are an integral part of ancient traditions. Hence, the state government’s vision for year-round tourism will offer visitors a divine experience while creating employment opportunities throughout the year.

*Double-Engine Government Working Together*

Highlighting the seamless coordination between the central and state governments, the Prime Minister said that Uttarakhand is moving towards becoming a developed state. Infrastructure projects such as Char Dham all-weather roads, modern expressways, railways, and expanded heli-services are taking shape. Recently, the central government approved ropeways for Kedarnath and Hemkund Sahib, drastically reducing the travel time. The Kedarnath ropeway will shorten an 8-9 hour trek to just 30 minutes, making it easier for elderly people, women, and children to undertake the pilgrimage.

*Focus on Border Villages*

The Prime Minister highlighted the sharp rise in tourist footfall in Uttarakhand, recalling that before 2014, only 18 lakh pilgrims visited the Char Dham annually, whereas now, over 50 lakh make the journey each year. This year’s Union Budget includes plans to develop 50 major tourist destinations, focusing on attracting visitors to border areas.

Once considered the last villages of India, these border villages are now being hailed as the first villages. The Vibrant Villages Programme is revitalizing settlements like Nelang and Jadung, which were abandoned after the 1962 war with China. Now, after 70 years, the government is rehabilitating these villages. Tourist facilities are also being developed in places like Timmersain, Mahadevsain, Mana, and Jadung.

*‘Gham Tapo Tourism’ in Garhwali*

Calling upon people from across India—especially the youth—to visit Uttarakhand in winter, the Prime Minister pointed out that when most of the country is shrouded in fog, the mountains bask in warm sunlight. In Garhwali, this is called ‘Gham Tapo Tourism’.

The Prime Minister urged corporates to host their meetings, conferences, and exhibitions in the divine land of Uttarakhand, where they can also rejuvenate through yoga and Ayurveda. He also invited college and university students to plan winter trips to Uttarakhand.

*Destination for Film Shoots and Weddings*

The Prime Minister emphasized India’s multi-billion-dollar wedding industry, reiterating his call for ‘Wed in India’. Uttarakhand, he said, can be a prime destination for winter weddings. Similarly, the film industry should take advantage of the state’s stunning landscapes, as Uttarakhand has already been recognized as the Most Film-Friendly State. Film shooting facilities are being significantly enhanced.

He noted that many global destinations thrive on winter tourism, and Uttarakhand can learn from their success stories. The hot springs across the state, for example, can be developed into wellness spas. Likewise, spiritual and yoga organizations can hold special winter retreats in Uttarakhand.

*Role of Content Creators*

The Prime Minister also mentioned an exhibition on winter tourism in Harsil, saying it made him nostalgic about his younger days, sparking a desire to revisit all these places. He stressed the need to leverage content creators to spread awareness about Uttarakhand’s winter tourism, even suggesting a national-level competition for promoting it.

With resounding chants of ‘Ganga Maiya ki Jai’, the Prime Minister concluded his speech.

*Chief Minister Welcomes the Prime Minister*

Chief Minister Pushkar Singh Dhami extended a heartfelt welcome to the Prime Minister on behalf of all Uttarakhand residents. He expressed gratitude for Modi’s unwavering support in preserving the state’s spiritual and cultural heritage. He cited key milestones under the Prime Minister’s leadership, including the successful Global Investors Summit, G20 meetings, implementation of the UCC law, and the grand hosting of the 38th National Games.

The Chief Minister recalled how, during challenges such as the Kedarnath disaster, Joshimath land subsidence, Silkyara tunnel rescue, and the recent avalanche in Mana, the Prime Minister stood firmly with Uttarakhand.

He also thanked Modi for allocating ₹4,081 crore for the Kedarnath ropeway and ₹2,730 crore for the Hemkund Sahib ropeway, which will greatly benefit pilgrims and boost religious tourism. Dhami emphasized that Char Dham Yatra is a pillar of Uttarakhand’s economy, supporting hoteliers, taxi operators, shopkeepers, and thousands of local workers.

To address the economic slowdown during the winter months, the state has officially launched winter pilgrimage tours with the Prime Minister’s guidance. His visit, the CM said, will further bolster this initiative and promote trekking, mountain biking, and adventure tourism.

Looking ahead, Uttarakhand is preparing for two major religious events—the Nanda Devi Raj Jat Yatra and the Kumbh Mela, which, under the Prime Minister’s leadership, are expected to be a grand success.

Prominent dignitaries present included Union Minister Ajay Tamta, Cabinet Minister Satpal Maharaj, BJP State President Mahendra Bhatt, MP Mala Rajyalakshmi Shah, and MLA Suresh Chauhan.
At Maa Ganga’s Winter Abode, PM Modi Offers Prayers and Marvels at the Majestic Himalayas

During his one-day visit to Uttarkashi, Prime Minister Narendra Modi first visited Mukhwa village, the winter abode of Maa Ganga, where he performed a traditional puja and prayed for the prosperity and well-being of the nation. Following all religious rituals, he offered bhog to the deity. Local villagers welcomed the Prime Minister with the traditional Raanso dance, adding a cultural touch to the occasion.

After the puja, the Prime Minister took in the breathtaking view of the majestic Himalayas from Mukhwa village. He spent considerable time at the viewpoint, admiring the snow-covered peaks and the serene beauty of the Bhagirathi River flowing through the Harsil Valley.

He then traveled by road to the Harsil program venue, where he first visited an exhibition on Uttarakhand’s winter tourism. The exhibition showcased the state’s prominent winter tourism destinations. Following this, the Prime Minister flagged off a trekking and biking rally, promoting adventure tourism in the region.

This visit holds immense significance in establishing Mukhimath (Mukhwa) on the global tourism map and strengthening Uttarakhand’s cultural and religious heritage.

*प्रधानमंत्री का मिला साथ, दौडे़गी यात्रा, बनेगी बात*

*शीतकालीन यात्रा तो चमकी ही, चार धाम यात्रा के लिए भी आधार किया तैयार*

*कम समय में देश-दुनिया की नजरों में आईं शीतकालीन यात्रा*

*शीतकालीन यात्रा से जुड़ने का पक्का था इरादा, जता दी थी पहले ही इच्छा*

मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा और खूबसूरत हर्षिल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक-एक संदेश के गहरे मायने हैं। देश-दुनिया तक इन शब्दों की अनुगूूंज पहुंचना तय है।उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा को प्रधानमंत्री का जैसा साथ मिला, वह खास है। उन्होंने जिस अंदाज में उत्तराखंड की यात्रा का प्रमोशन किया है, वह अभूतपूर्व है। इसके बाद, उत्तराखंड के शीतकालीन पर्यटन के सरपट दौड़ने की पूरी उम्मीद की जा रही है।

प्रधानमंत्री का यह प्रवास उस वक्त हुआ है, जबकि करीब दो महीने की शीतकालीन यात्रा शेष है। इसके बाद 30 अप्रैल से चार धाम यात्रा का श्रीगणेश होना है। ऐसे में प्रधानमंत्री के एक प्रवास ने उत्तराखंड की दोनों यात्राओं के लिए बेहतर आधार तैयार कर दिया है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड का हर तरह से प्रमोशन किया। प्रमोशन के लिए *घाम तापो पर्यटन* की बात हो, धर्माचार्यों और योगाचार्यों से शीतकाल में योग शिविर आयोजित करने की बात हो, कॉरपोरेट को सेमिनार का सुझाव हो, फिल्म निर्माताओं को फिल्मों की शूटिंग के लिए आह्वान हो या फिर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर से अपील हो, सबने अपना अलग प्रभाव छोड़ा है।

*रजत जयंती वर्ष में सबसेे गंभीर प्रयास*
उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीतकालीन यात्रा का सबसे बड़ा प्रमोशन कर दिया है। इस यात्रा के प्रमोशन के लिए इससे पहले कभी इतने गंभीर प्रयास नहीं हुए। उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा के साथ प्रधानमंत्री के जुड़ाव के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जो प्रयास किए थे, उसका सार्थक परिणाम सामने आया है। बहुत कम समय में उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा और पर्यटन देश-दुनिया की नजरों में आ गए हैं।

*फिर साबित हुए सबसे बडे़ ब्रांड एंबेसडर*
प्रधानमंत्री एक बार फिर उत्तराखंड केे लिए सबसे बडे़ ब्रांड एंबेसडर साबित हुए हैं। केदारनाथ धाम का उदाहरण सामने हैं, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रियता से श्रद्धालुओं के पहुंचने के नए रिकार्ड बने हैं। शीतकालीन यात्रा का हिस्सा बनने की इच्छा प्रधानमंत्री ने 28 जनवरी को राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ के मौके पर ही जाहिर कर दी थी। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से भावनात्मक लगाव ही है, वह कार्यक्रम में बदलाव के बावजूद मुखवा-हर्षिल पहुंच गए।

*मुखवा हर्षिल निहाल, पीएम-सीएम का आभार*
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखवा आगमन से पूरा क्षेत्र निहाल है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहला अवसर है, जबकि कोई प्रधानमंत्री मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल पर पूजा-अर्चना के लिए पहुंचा हो। गंगोेत्री मंदिर के सचिव सुरेश सेमवाल का कहना है-यह अवसर गौरवान्वित करने वाला है। तीर्थपुरोहित व लोक कलाकार रजनीकांत सेमवाल कहते हैं-मुखवा का चयन करने के लिए पीएम व सीएम के प्रति हम आभारी हैं।













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